➤ हिमाचल में मानसून आपदा से 110 लोगों की जान गई
➤ 1078 मकान ध्वस्त और 3979 करोड़ की संपत्ति का नुकसान
➤ 1087 सड़कें, 2838 ट्रांसफॉर्मर और 509 पेयजल योजनाएं बंद
हिमाचल प्रदेश इस साल के मानसून सीजन में प्राकृतिक आपदाओं की भयंकर मार झेल रहा है। बाढ़, बादल फटना और लैंडस्लाइड जैसी घटनाओं ने लोगों की जिंदगी और संपत्ति पर गहरा असर डाला है। ताज़ा आंकड़ों के अनुसार अब तक 64 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 46 लोग लापता हैं। प्रशासन का कहना है कि लापता लोगों के जीवित मिलने की उम्मीदें बेहद कम हैं। इस तरह अब तक कुल 110 लोग आपदा का शिकार हो चुके हैं।
प्रदेश में लैंडस्लाइड की 133 घटनाएं, बाढ़ की 95 घटनाएं और बादल फटने की 45 घटनाएं दर्ज की गईं। इन हादसों से हजारों लोग प्रभावित हुए और हजारों मकान तबाह हो गए। अब तक 1078 मकान पूरी तरह ढह गए, जबकि 4584 मकानों को आंशिक क्षति पहुंची है। केवल मकानों तक ही नुकसान सीमित नहीं रहा, बल्कि निजी और सरकारी स्तर पर कुल 3979 करोड़ रुपए की संपत्ति बर्बाद हो चुकी है।

इस समय 4 नेशनल हाईवे समेत 1087 सड़कें बंद पड़ी हैं। इसी तरह 2838 ट्रांसफॉर्मर और 509 पेयजल योजनाएं ठप हैं, जिससे लोगों को बिजली और पानी की भारी किल्लत झेलनी पड़ रही है।
इस बीच, कुल्लू के अखाड़ा बाजार में हुए लैंडस्लाइड में दबे एक व्यक्ति का शव बरामद कर लिया गया है, जबकि एनडीआरएफ की टीम अभी भी मलबे में दबे जवान और तीन अन्य लोगों की तलाश कर रही है।

वहीं भरमौर क्षेत्र में फंसे मणिमहेश श्रद्धालुओं को सेना और प्रशासन लगातार हेलिकॉप्टर से चंबा ला रहे हैं। अब तक दो दिनों में 1200 से ज्यादा श्रद्धालुओं को सुरक्षित बाहर निकाला जा चुका है।
मौसम विभाग ने राहत की थोड़ी खबर दी है। उसके अनुसार, अगले 48 घंटों तक प्रदेश में मानसून कमजोर रहेगा और बारिश का कोई अलर्ट नहीं है। हालांकि, वेस्टर्न डिस्टरबेंस 8 और 9 सितंबर को दोबारा सक्रिय होगा लेकिन उसका असर सीमित क्षेत्रों तक ही रहेगा।

इस मानसून में शिमला और कुल्लू में सामान्य से दोगुनी बारिश दर्ज की गई है। शिमला में 113% अधिक बारिश और कुल्लू में 117% अधिक बारिश हुई है। इसी तरह सोलन, बिलासपुर, चंबा, मंडी, सिरमौर, ऊना और किन्नौर जिलों में भी औसत से काफी अधिक बारिश ने तबाही मचाई है।



